बैंकहरुको गत आर्थिक वर्ष २०७६/७७ मा प्रवाह गरेको कुल कर्जामा खराब कर्जाको अंश ५० अर्ब ३५ करोड रुपैयाँ रहेको छ । यो रकम अघिल्लो आवको तुलनामा ३७.९७ प्रतिशतले धेरै हो । अघिल्लो आवमा बैंकहरुको खराब कर्जा ३६ अर्ब ४९ करोड रुपैयाँ मात्र थियो ।
गत आर्थिक वर्षमा २७ वाणिज्य बैंकहरुले २८ खर्ब ८८ अर्ब ३९ करोड रुपैयाँ कर्जा प्रवाह गरेका छन् । बैंकहरुले प्रवाह गरेको कुल कर्जाको औसतमा १.७४ प्रतिशत कर्जा निष्क्रिय भएको हो । बैंकहरुको औसत निष्क्रिय कर्जा अघिल्लो आवमा १.४८ प्रतिशत थियो ।
अन्तर्राष्ट्रिय मुद्रा कोषले नेपालमा न्यून खराब कर्जा हुनु भनेको इभरग्रिनिङका कारणले हो भन्दै आएको छ । आइएमएफको तर्कमा बैंकहरु भने सहमत छैनन । कर्जाको आकार ठूलो हुँदै गएको अवस्थामा खराब कर्जा भने घट्दै जानुले समग्र बैंकिङ क्षेत्र प्रति शंका गर्न भने सकिन्छ ।
गत आर्थिक वर्षमा बैंकहरुको कर्जा प्रवाह १६.५२ प्रतिशतले बढेको छ । गत आवमा बैंकहरुको निक्षेप भने २०.२० प्रतिशतले बढेको देखिन्छ ।
विश्वभरी फैलिएको कोरोना भाइरसका कारण गत आर्थिक वर्षको चौथो त्रैमासदेखि लकडाउन गरेको अवस्था हो । कोरोना संक्रमण नियन्त्रणका लागि सरकारले चालेका कदमहरुले आर्थिक गतिविधि ठप्प रह्यो । व्यापार व्यवसाय नै रोकिएपछि कर्जा तथा ब्याज चुक्ता गर्नुपर्ने समयअवधि थप गरेको अवस्था छ । कर्जाको समयअवधि थप भएको भएपनि कर्जा असुली हुन नसकेपछि बैंकहरुको निष्क्रिय कर्जा बढेको हो ।
Bank | Ashad End | Ashad End |
Total Loan Rs (000) |
NPL Amount Rs (000) |
Total Loan Rs (000) |
NPL Amount Rs (000) |
2077 | 2076 | 2077 Ashad | 2077 Ashad | 2076 Ashad | 2076 Ashad | |
Everest | 0.22% | 0.16% | 119,052,872 | 261916.3184 | 112,007,182 | 179211.4912 |
Nepal SBI | 0.23% | 0.20% | 94,435,193 | 217200.9439 | 88,644,725 | 177289.45 |
Standard Chartered | 0.44% | 0.15% | 56,922,193 | 250457.6492 | 55,633,582 | 83450.373 |
Sanima | 0.48% | 0.08% | 93,222,034 | 447465.7632 | 83,439,281 | 66751.4248 |
Machhapuchchre | 0.54% | 0.37% | 94,807,457 | 511960.2678 | 77,535,940 | 286882.978 |
NIC Asia | 0.75% | 0.46% | 172,893,737 | 1296703.028 | 149,497,291 | 687687.5386 |
Nabil | 0.97% | 0.74% | 154,067,756 | 1494457.233 | 133,558,736 | 988334.6464 |
Himalayan | 1.01% | 1.12% | 106,651,427 | 1077179.413 | 97,470,071 | 1091664.795 |
Laxmi | 1.04% | 1.20% | 91,029,881 | 946710.7624 | 76,551,501 | 918618.012 |
Mega | 1.20% | 0.98% | 113,927,721 | 1367132.652 | 72,536,581 | 710858.4938 |
Kumari | 1.41% | 0.97% | 114,888,919 | 1619933.758 | 76,053,317 | 737717.1749 |
Citizens | 1.46% | 1.13% | 80,703,920 | 1178277.232 | 64,493,870 | 728780.731 |
Prime | 1.54% | 1.00% | 114,577,175 | 1764488.495 | 75,560,210 | 755602.1 |
Siddhartha | 1.56% | 0.75% | 127,452,442 | 1988258.095 | 108,149,445 | 811120.8375 |
Global IME | 1.80% | 0.55% | 197,049,129 | 3546884.322 | 181,618,004 | 998899.022 |
Sunrise | 1.86% | 1.03% | 83,435,441 | 1551899.203 | 70,015,590 | 721160.577 |
Century | 2.21% | 1.40% | 60,418,320 | 1335244.872 | 59,230,263 | 829223.682 |
Bank of Kathmandu | 2.35% | 1.54% | 79,434,702 | 1866715.497 | 73,747,052 | 1135704.601 |
Civil | 2.38% | 2.37% | 53,280,043 | 1268065.023 | 44,398,692 | 1052249 |
Nepal Bank | 2.59% | 2.64% | 107,811,539 | 2792318.86 | 95,724,918 | 2527137.835 |
NMB | 2.68% | 0.82% | 120,344,260 | 3225226.168 | 91,802,993 | 752784.5426 |
Agriculture Dev | 2.71% | 3.29% | 124,201,335 | 3365856.179 | 110,091,966 | 3622025.681 |
NCC Bank | 2.79% | 2.78% | 67,905,302 | 1894557.926 | 63,233,501 | 1757891.328 |
Prabhu | 2.81% | 3.76% | 103,589,769 | 2910872.509 | 89,753,103 | 3374716.673 |
Nepal Bangladesh | 2.89% | 1.74% | 60,653,504 | 1752886.266 | 54,392,954 | 946437.3996 |
Nepal Investment | 2.91% | 2.78% | 140,377,575 | 4084987.433 | 127,140,970 | 3534518.966 |
Rastriya Banijya Bank | 4.08% | 4.79% | 155,264,792 | 6334803.514 | 146,560,482 | 7020247.088 |
बैंकहरुले ऋणीलाई थप गरेको समयअवधिमा पनि कर्जा उठ्ने अवस्था नरहेको हुनाले आगामी दिनमा खराब कर्जा अझै बढ्ने एक बैंकरले बताए । कोरोनाका कारण धेरै कर्जा डिफल्ट हुने जोखिम रहेको बताउँदै ती बैंकरले भने,“ कर्जाको वर्गीकरणमा पनि केन्द्रीय बैंक केही लचिलो भएको भए पनि यो भनेको केही समयका लागि मात्र हो ।” ऋणीले कर्जा तिर्नका लागि उद्योग व्यवसाय सञ्चालन हुनुपर्छ । अहिलेको अवस्थामा उद्योग व्यवसाय खुल्ने अवस्था छैन ।
नेपालको बैंकिङ प्रणालीमा बैंकहरुले भाखा ननाघेका र १ महिनासम्म भाखा नाघेका असल कर्जाका लागि एक प्रतिशत, १ महिनादेखि तीन महिनासम्म भाखा नाघेका सूक्ष्म निगरानीको कर्जाका लागि ५ प्रतिशत, ३ महिनादेखि ६ महिनासम्म भाखा नाघेका कमसल कर्जा/सापटमा २५ प्रतिशत, ६ महिनादेखि बढीमा १ वर्षसम्म भाखा नाघेको शंकास्पद कर्जाका लागि ५० प्रतिशत तथा १ वर्षभन्दा बढी अवधिले भाखा नाघेका खराब कर्जाका लागि शतप्रतिशत प्रोभिजनीङ गर्नुपर्ने ब्यवस्था छ ।
चालु आर्थिक वर्षको तेस्रो त्रैमासमा सबैभन्दा धेरै खराब कर्जा हुने बैंकमा सरकारी लगानी रहेको राष्ट्रिय वाणिज्य बैंक रहेको छ । गत आवमा बैंकको खराब कर्जा ४.०८ प्रतिशत छ । गत आवमा बैंकले एक खर्ब ५५ अर्ब २६ करोड रुपैयाँ कर्जा प्रबाह गरेको छ । यो कर्जामा बैंकको खराब कर्जा ६ अर्ब ३३ करोड ४८ लाख रुपैयाँ छ । बैंकको खराब कर्जा अघिल्लो आवको तुलनामा भने घटेको हो । गत आर्थिक वर्षमा नेपाल इन्भेष्टमेन्ट बैंकको खराब कर्जा २.९१ तथा नेपाल बंगलादेश बैंकको २.८९ प्रतिशत छ ।
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